जय जिनेन्द्र ,
जैन धर्म आज के युग में सबसे प्राचीन धर्मो में से एक हैं । इसका प्रमुख सिद्धांत अहिंसा हैं । यह धर्म जीवन को आत्मा से परमात्मा की और ले जाता हैं । यह धर्म बतलाता हैं की जीवन को कैसे जीये और किसे जीने दे ।
जैन धर्म का एक मात्र लक्ष्य मोक्ष की प्राप्ति हैं ,मोक्ष अर्थात जीवन-मृत्यु से मुक्ति । जैन धर्मं मानव को आदर्श जीवन जीने की प्रेरणा देता हैं । जो की मानव के भविष्य को उज्जवल, धार्मिक और नैतिक बनता हैं ।
जैन धर्म के मूल सिद्धांत हैं :-
१ अहिंसा:- हिंसा नहीं करना ।
२ सत्य :- झुठ नहीं बोलना ।
३ अचौर्य :- चोरी नहीं करना ।
४. अपरिग्रह:- परिग्रह नहीं करना ।
५ ब्रह्मचर्य :- ब्रह्मचर्य पूर्वक रहना ।
आज के इस युग में श्रावक द्वारा जिनवाणी को हर स्थान पर साथ में ले कर चलना संभव नहीं हैं तथा उचित भी नहीं हैं । परन्तु कुछ कारणवश जिनवाणी को साथ में रखना भी आवश्यक हैं। अतः इस आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए जैन तीर्थंकर (Jain Tirthankara) एप्लीकेशन का निर्माण किया गया हैं ।
इस एप्लीकेशन की सहायता से आप कुछ आवश्यक स्तुतियों, स्त्रोत्र, चालीसा, भजन, पूजा व भगवान जिनेन्द्र देव से सम्बंधित कुछ जानकारी से हमेशा जुड़े रह सकते हैं ।यह एप्लीकेशन धर्म से जुड़े रहने के लिए एक छोटा सा साधन हैं ।
इस एप्लीकेशन में दी गयी जानकारी में कोई त्रुटी हो तो मैं इसके लिए क्षमा प्रार्थी हूँ ।
अगर आप को कोई त्रुटी प्राप्त हो तो कृपया मुझे इस वेबसाइट की माध्यम से अथवा ईमेल कर करके इससे अवगत करवाए ताकी मैं उसे सुधार कर सही जानकारी फैला सकू ।
अगर आपके पास कोई अन्य जानकारी हैं तो भी मुझे भेज सकते हैं । मैं जितना जल्दी हो सके उसे एप्लीकेशन से जोड़ने का प्रयास करूँगा ।
धन्यवाद् ,
समय कुमार जैन